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Jul 26 2025 | २०८२, साउन १० गते

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सर्वोच्चद्वारा आयोडिनयुक्त नुन ऐन २०५५ कार्यान्वयन नै करबाक आदेश

सर्वोच्चद्वारा आयोडिनयुक्त नुन ऐन २०५५ कार्यान्वयन नै करबाक आदेश

  • काठमाण्डू, ८ साओनः सर्वोच्च अदालत ‘आयोडिनयुक्त नुन (उत्पादन तथा विक्र वितरण) ऐन २०५५’ कार्यान्वयन नै करबाक अन्तरिम आदेश देलक अइछ । न्यायाधीशद्वय तिलप्रसाद श्रेष्ठ आ महेश शर्मा पौडेलके संयुक्त इजलास बितल अखार ३० गते अन्तरिम आदेश करैत आयोडिनयुक्त नुन ऐन २०५५ इएह साओन १ गतेसँ कार्यान्वयन नै करबाक लेल कहल गेल अइछ। आदेशमे ऐन निर्माण भेल हाल करिब २५ वर्ष बितल भ चुकलासँ आ अखनधैर ऐन कार्यान्वयनक लेल आवश्यक पूर्वशर्तके रुपमे रहल नियमावली नै बइन सकल उल्लेख अइछ ।

    आवश्यक पूर्वतैयारी बिना ऐन लागू कएलापर अइ अदालतमे अइसँ पहिने पड़ल मुद्दामे चिन्ता व्यक्त भेल अनुसार आम जनताके स्वास्थ्य आ जनजिविकासँ प्रत्यक्ष सरोकार रहल आयोडिनयुक्त नुनके आपूर्ति आ बिक्री वितरणमे असर होबाक अवस्था रहल आदेशमे उल्लेख अइछ ।

    आदेशमे आयोडिनयुक्त नुन उत्पादन तथा बिक्री वितरण ऐन २०५५के व्यवस्था कार्यान्वयन करेबाक लेल नियमावली जारी नै कएलासँ ओइ ऐनकेँ कार्यान्वयनमे रोक लगाएल गेल उल्लेख अइछ । अधिवक्ता शिलत महर्जन २५ साल पहिने बनल ‘आयोडियनयुक्त नुन उत्पादन तथा बिक्री वितरण ऐन, २०५५’ आम जनताके स्वास्थ्यसँ प्रत्यक्ष जोड़ल आयोडिनसम्बन्धी नुनकेँ निजी क्षेत्रसँ आयात आ वितरण करेबाक योजना प्रत्यक्ष देखलासँ मानव स्वास्थ्यमे दीर्घकालीनरुपमे गम्भीर असर हेत कहैत, ऐनकेँ बदर करबाक माँग कएने छल ।

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